ये जीवन में एक पलछिन ही तो है ये जीवन अनुभवों की पाठशाला ये जीवन में एक पलछिन ही तो है ये जीवन अनुभवों की पाठशाला
मेरा एक बार बनकर तो देख, हर एक को तेरा न बना दूं तो कहना। मेरा एक बार बनकर तो देख, हर एक को तेरा न बना दूं तो कहना।
मैं मानस का परिचायक इच्छाओं का नायक अडिग रहूँ मैं मानस का परिचायक इच्छाओं का नायक अडिग रहूँ
प्रेम ही बने सबका आधार भक्ति मे प्रेम मस्ती मे प्रेम धरती मे प्रेम प्रकृति मे प्रेम प्रेम ही बने सबका आधार भक्ति मे प्रेम मस्ती मे प्रेम धरती मे प्रेम प्रकृति मे ...
समुंद्रों के भँवर-सी, बातों की कहानी; बांधी ऐसी प्रीत की डोरी... समुंद्रों के भँवर-सी, बातों की कहानी; बांधी ऐसी प्रीत की डोरी...
रात का पता नहीं, न दिन की खबर मैं भटकता रहता हूँ इधर से उधर काम पूरा हो या फिर रहे अधूरा फि... रात का पता नहीं, न दिन की खबर मैं भटकता रहता हूँ इधर से उधर काम पूरा हो या...